Happyness classes kya hai/हैप्पीनेस विषय के बारे में
हैप्पीनेस यानी खुश रहने का अभ्यास विकसित करना।इस पाठ्यक्रम को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है। इस विषय को भारत देश के कुछ बड़े शहरों में लाॅन्च किया गया है। दिल्ली में इस विषय की शुरुआत 2018 से हुई थी।उस समय यहां के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल थे। यह विषय तीसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के लिए है।
इस विषय का रोजाना एक पीरियड लगता है।इस विषय को चार खंडों में बांटा गया है-
1)ध्यान देने की प्रक्रिया- वर्तमान के प्रति सजग रहना। इससे शैक्षिक प्रर्दशन बेहतर होगा। शांति और खुशी का एहसास होता है। अच्छे निर्णय लेने की छमता बढ़ती है।
2)कहानी_ कहानी के माध्यम से बच्चों को रुचिकर बातें बताई जाती हैं, जिससे उनके व्यवहार में परिवर्तन किया जा सके। कहानी अच्छी सीख देने के लिए रची गई हैं।इनका उद्देश्य बच्चों को बुद्धिमान बनाना है।
3) गतिविधि- इसके माध्यम से विद्यार्थी स्वयं से लेकर सामाजिक व्यवस्था और प्रकृति में अपनी भूमिका खेल-खेल में जान सकेंगे।
4) अभिव्यक्ति- इसमें सप्ताह के आखिरी दिन बच्चों से उनके मन के प्रश्न पूछना और शिक्षक उनके दैनिक जीवन में सीखे गए अभ्यास को उनके व्यवहार में उतार पाने की योग्यता विकसित करते हैं।
हैप्पीनेस क उद्देश्य:_ 1) बच्चों का अपना कार्य ध्यानपूर्वक करना।
2) घर परिवार में प्रेमपूर्वक रहना।
3) शिक्षक के प्रति तार्किक सोच विकसित करना।
4) बच्चों को समझदार और ईमानदार बनाना।
5) जीवन में सदैव प्रसन्न रहना।
इस विषय की बच्चों को कोई भी किताब नहीं मिलती है, इस विषय की किताब शिक्षक के पास ही रहती है।
इस विषय की विद्यार्थीयों को कोई भी काॅपी नहीं बनानी पड़ती है न ही कोई होमवर्क करना पड़ता है।
इस विषय में हर विद्यार्थी से प्रश्न पूछे जाते हैं, किंतु हर विद्यार्थी का उत्तर अलग होना चाहिए
इस विषय का रोजाना एक पीरियड लगता है।इस विषय को चार खंडों में बांटा गया है-
1)ध्यान देने की प्रक्रिया- वर्तमान के प्रति सजग रहना। इससे शैक्षिक प्रर्दशन बेहतर होगा। शांति और खुशी का एहसास होता है। अच्छे निर्णय लेने की छमता बढ़ती है।
2)कहानी_ कहानी के माध्यम से बच्चों को रुचिकर बातें बताई जाती हैं, जिससे उनके व्यवहार में परिवर्तन किया जा सके। कहानी अच्छी सीख देने के लिए रची गई हैं।इनका उद्देश्य बच्चों को बुद्धिमान बनाना है।
3) गतिविधि- इसके माध्यम से विद्यार्थी स्वयं से लेकर सामाजिक व्यवस्था और प्रकृति में अपनी भूमिका खेल-खेल में जान सकेंगे।
4) अभिव्यक्ति- इसमें सप्ताह के आखिरी दिन बच्चों से उनके मन के प्रश्न पूछना और शिक्षक उनके दैनिक जीवन में सीखे गए अभ्यास को उनके व्यवहार में उतार पाने की योग्यता विकसित करते हैं।
हैप्पीनेस क उद्देश्य:_ 1) बच्चों का अपना कार्य ध्यानपूर्वक करना।
2) घर परिवार में प्रेमपूर्वक रहना।
3) शिक्षक के प्रति तार्किक सोच विकसित करना।
4) बच्चों को समझदार और ईमानदार बनाना।
5) जीवन में सदैव प्रसन्न रहना।
इस विषय की बच्चों को कोई भी किताब नहीं मिलती है, इस विषय की किताब शिक्षक के पास ही रहती है।
इस विषय की विद्यार्थीयों को कोई भी काॅपी नहीं बनानी पड़ती है न ही कोई होमवर्क करना पड़ता है।
इस विषय में हर विद्यार्थी से प्रश्न पूछे जाते हैं, किंतु हर विद्यार्थी का उत्तर अलग होना चाहिए
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